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Maha Panchgavya Ghrit (Nasya)

200.00

Net Volume : 15 Ml.

सम्पुर्ण श्वसन तंत्र को स्वस्थ और स्वच्छ बनाए 

आयुर्वेद के ग्रंथों में नस्य कर्म बताया गया है । नस्य कर्म को जन्म से ही उपयोगी बताया गया है । “जन्म प्रभृति शस्यते” (शा.सं.) केवल आयुर्वेद ही ऐसी पद्धति है जिसमें नस्यकर्म का उपयोग किया गया है । “नासिका शिरसो द्वारम्‍” नासिका को शिर का द्वार बताया गया है । मस्तिष्क सम्बंधित सभी बीमारियाँ इस महा पंचगव्य घृतम्‍ से ठीक हो सकती है । चरक संहिता नामक ग्रंथ में इसको बनाने की विधि विस्तृत रुप से बताई गई है । पंचगव्य धर्मशास्त्र की दृष्टि से पवित्र माना गया है । महा पंचगव्य घृतम्‍ में पंचगव्य घृत के साथ दशमूल, त्रिफला, त्रिकटु, हल्दी, अनंतमूल, पुष्करमूल जैसी औषधियों का संयोजन किया जाता है । जिस से औषधियों का प्रभाव शीघ्र होता है । यह महा पंचगव्य नस्य वैदिक मंत्र एवं गौसूक्तम्‍ का पारायण करके विशेष विधि से बनाया गया है । घृत का जो उत्तम भाग होता है, वह उपर की सतह पर होता है । यह गुणकारी तथा न जमनेवाला भाग होने के कारण घृतमण्ड से बना हमारा यह नस्य कभी भी जमता नहीं है , इसलिए आसानी से बोटल में से निकल सकता है ।

Ayurveda scriptures have talked about nasya karma. It is prescribed as beneficial immediately after birth. “जन्म प्रभृति शस्यते” (Sharangdhar Samhita.)

Ayurveda is the only method of medicine where nasalmethod is used for treatments. ‘Nasika shiraso dvaram’ means nose (nostrils) are the door to the head. All brain related diseases and ailments can be treated with this maha Panchgavya ghritam. Charak Samhita details the method of preparing this nasya. Panchgavya is considered holy and pious as per dharmic scriptures. Maha Panchgavya nasya, alongwith Panchgavya ghrit, includes dashamoola, triphala, trikatu, turmeric, anantmool, pushkarmool and other such medicines, the medicines which provide immediate effects. This is an enchanted medicine, which has been prepared chanting nasya Vaidik mantra and gausooktam, using a special method. The best portion of ghee is the one which floats on the top (called mand). Because of its very beneficial and always-liquidated form, this nasya never freezes or crystalises, that is why it can be easily taken out from the bottle.

Description

लाभ :

  • महा पंचगव्य घृतम्‍ शरीर के सूक्ष्म भागों में भी सरलता से पहुँचकर शरीर का पोषण करता है ।
  • श्वसन तंत्र की सफाई करके श्वास-कास को दूर करता है ।
  • इसका नस्य लेने से यह मस्तिष्क के सूक्ष्म भागों में पहुँचकर वहाँ से कफ, कृमि, विष आदि को जलाकर नष्ट कर देता है ।
  • इसके नियमित सेवन से अपस्मार, उन्माद, ग्रहपीड़ा आदि मानसिक रोगों को दूर करता है ।
  • बालों के मूल को अंदर सें पोषण देकर उसे मज़बूत बनाता है ।
  • यह कामला, पाण्डु, अर्श, गुल्म, भगंदर, चातुर्थिक ज्वर में भी अमृत के समान लाभ करता है ।

सेवनविधि : सुबह-शाम २ बूँद नासिका में डालें (नस्य लें)

सेवनयोग्य व्यक्ति : १ साल से अधिक आयुवाला कोई भी व्यक्ति इसका सेवन कर सकता है ।

CONTAINS  : Panchgavya (Gaughrit, Gaumay, Gaudugdh, Gaudadhi, Gaumutra), Dashmool, Bharangbhool, Jata mansi, Vacha, Shankhpushpi, Brhami, Triktu, Trivrut, Rohishghas, Chameliful, Chitrakmula, Garmani, Haldi, Daruhaldi, Trifla,  Gulab tailam.

Who Can Consume : Anyone above one year of age can use it

Additional information

Weight 48 g
Dimensions 2.8 × 2.8 × 8.8 cm

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Brand

Sanskruti Arya Gurukulam

Authentic Ayurvedic products from Rajkot, prepared at Arya Gurukulam

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