Description
लाभ :
- यह स्त्रियों में कमर दर्द, शरीर दर्द, पीठ दर्द, पेडू में दर्द आदि को दूर करता है ।
- यह गर्भाशय को मजबूत करता है तथ बार-बार होनेवालें गर्भपात को रोकता है ।
- पुरुषो में वीर्य को मजबूती देता है और यौन कमजोरी को दूर करता है ।
- इसके सेवन से होनेवालें बच्चे के विकास में मदद मिलती है और वह स्वस्थ, और बुद्धिमान होता है ।
- यह Infertility को दूर करता है और संतान प्राप्ति में मदद करता है ।
- यह अत्यंत पौष्टिक है और स्निग्ध है इसलिए आंतरिक रुक्षता दूर करता है ।
सेवनविधि :
सुबह-शाम १-१ चम्मच देशी गाय के दूध के साथ लें ।
सेवनयोग्य व्यक्ति :
गर्भावस्था के प्रथम मास से शुरु करके प्रसूति तक सेवन करें ।
CONTAINS :
Draksha 10%
Amalaki Rasayan 5%
Amla 15%
Fal ghrut 10%
Yashtimadhu 5%
Brahmi 5%
Sariva 3%
Dhamasa 2%
Kamal Beej 3%
Nagkeshar 3%
Shunthi 5%
Gokshur 3%
Gaudanti Bhasma 2%
Mandoor Bhasma 2%
Silver Bhasma 0.99%
Gold Bhasma 0.01%
Gular 2%
Pipli 2%
Jivanti 5%
Kshir Kankoli 2%
Shatavari 5%
Vidarikand 5%
Shankhpushpi 5%
Shastrokt (Vedic) Importance : During pregnancy, the child grows gradually – Body parts, heart, mind,etc. Ayurveda has described medicines for development of each and every stage. Primarily in Charak Samhita. During panchakosha development of the foetus, Annamaya kosh, praanmaya kosh, manomaya kosh are best supported by aushadhis shatavari, naag kesar and brahmi respectively.
AyurvedVidhan: Charak Samhita
Why To consume : This prashan protects the womb, provides nutrition to the expecting mother and helpful for growth of foetus.
Who Can Consume : Pregnant women only
Who Can Not Consume : Not to be consumed by anyone who is not pregnant
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