Description
CONTAINS :
Ashvagandha: 25 mg
Shatavari: 25 mg
Vidarikand: 25 mg
Kaucha: 25 mg
Amla: 25 mg
Galo: 25 mg
Gokharu: 25 mg
Lindi Piper: 15 mg
लाभ :
- अश्वगंधा बल्य, ब्रुहण, रसायन एवं उत्तम वृष्य है । आयुर्वेद मॆं इसके शक्तिवर्धक गुण की महत्ता बताते हुए कहा है कि यह अश्व की तरह ताकतवर बनाता है ।
- शतावरी को आयुर्वेद में जड़ीबूटी की रानी कहा है । यह शरीर के क्षय और दुर्बलता को मिटाता है एवं स्त्रियों के लिए उत्तम शक्तिवर्धक है ।
- विदारी कंद बल्य, ब्रुहण, व्रुश्य और रसायन है । यह बच्चों एवं स्त्री-पुरुषों के शरीर को पुष्ट, शक्तिशाली और सुडौल बनाता है ।
- कौचा उत्तम शुक्रवर्धक, बल्य, ब्रुहण और व्रुष्य है । यह क्रुशता, क्षय, धातुक्षीणता और दुर्बलता को मिटाता है ।
- पिप्पली एक उत्तम योगवाही औषधि है । यह सभी औषधियों से मिलकर उसके गुणों में अभिवृद्धि करती है ।
- गुडुची, गोखरु और आँवला यह तीनों औषधि मिलकर रसायन चूर्ण बनता है । यह एक उत्तम टॉनिक है । यह तीनों दोषो का शमन करके शरीर की समस्त धातुओं की पुष्टी करता है एवं वृद्धावस्था को दूर करता है ।
- ‘शक्तिवर्धक सिरप’ शरीर की तमाम प्रकार की दुर्बलता दूर करके सभी धातुओं को प्राकृतिक रुप से शक्ति प्रदान करता है, जो स्थिर रुप से बनी रहती है ।
सेवनविधि :
सुबह-दोपहर-शाम भोजन के बाद २-२ चम्मच समभाग पानी के साथ लें ।
सेवनयोग्य व्यक्ति :
१ साल से अधिक आयुवाला कोई भी व्यक्ति इसका सेवन कर सकता है ।
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