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MANTRAUSHADHI GARBH VILAS CREAM 125 GM

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MANTRAUSHADHI GARBH VIGYAN PRASHAN 500 GM

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MANTRAUSHADHI GARBHSANSKAR SAMAGRI

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Description

मंत्र और औषधि से युक्त गर्भसंस्कार मंत्रौषधि गर्भसंस्कार कहा जाता है। परम पूज्य विश्वनाथ गुरुजीने वर्षो तक वैदिक गर्भविज्ञान पर कार्य किया और दिव्य संतति (शुश्रुत संहिता में बताई गई है) ऐसी संतति प्राप्त करने हेतु पूज्य गुरुजीने तीनों संस्कार का पुनरुद्धारक पूज्य विश्वनाथ गुरुजी रहे। मंत्रौषधि गर्भसंस्कार के साथ पूज्य गुरुजी के सात्विक ऊर्जा और आशीर्वाद जुड़े है।

  • यह सामग्री तीनों संस्कार के लिए है। उसमें तीनो पेकेट में एक-एक संस्कार की सामग्री है। जिसका विवरण लिखा हुआ है।
  • गर्भपोषण के लिए प्रथम से नव महीने तक “गर्भसुवर्णप्राशन” का सेवन करें।
  • नव महीने गर्भवति बहेन और गर्भथ शिशु के अस्थिधातु के पोषण एवं केल्शियम के लिए “केल्शियम ड्रॉप ” का सेवन करें

मंत्र के साथ आहुतियाँ
1 से 3 महिने तक – पुंसवन संस्कार की आहुतियाँ   |   समिधा (समिधा = छोटी लकड़ी)

मंत्र
1) शुक्र ग्रह- ऊदुम्बर समिधा    =    ॐ शुक्राय नमः स्वाहा
2) मंगल ग्रह- खदिर नामक समिधा   =  ॐ भौमाय नमः स्वाहा
3) बृहस्पति ग्रह- पीपल वृक्ष की समिधा   =  ॐ बृहस्पतये नमः स्वाहा

4 से 5 महिने तक – अनवलोभन संस्कार की आहुतियाँ  समिधा (समिधा = छोटी लकड़ी)

मंत्र
1) सूर्य ग्रह – अर्क नामकी लकड़ी (समिधा)  =  ॐ सूर्याय नमः स्वाहा
2) चंद्र ग्रह- पलास नामक औषधि   =   ॐ चंद्राय नमः स्वाहा
3) शनि ग्रह- शमी की आहुति   =   ॐ शनैश्वराय नमः स्वाहा

5 महिने के बाद – सीमंतोन्नयन संस्कार की आहुतियाँ  समिधा (समिधा = छोटी लकड़ी)
मंत्र
1) बुध ग्रह – अपामार्ग नाम की लकड़ी (समिधा)   =  ॐ बुधाय नमः स्वाहा
2) चंद्र ग्रह पलास नामक औषधि   =   ॐ चंद्राय नमः स्वाहा
3) सूर्य ग्रह- अर्क नामक लकड़ी (समिधा)   =   ॐ सूर्याय नमः स्वाहा

Additional information

Dimensions 13 × 3 × 11.5 cm

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